Connect with us

लोक पर्व फूलदेई को अब बाल पर्व के रूप में जाएगा मनाया, शासन ने जारी किए आदेश…

उत्तराखंड

लोक पर्व फूलदेई को अब बाल पर्व के रूप में जाएगा मनाया, शासन ने जारी किए आदेश…

राज्य की संस्कृति एवं परंपराओं की पहचान में लोक पर्वों की अहम भूमिका होती है। धामी सरकार अपने लोक पर्वों एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में बच्चों को अपनी लोक संस्कृति और लोक पंरपराओं से जोड़े रखने के लिए लोक पर्व फूलदेई को अब बाल पर्व के रूप में और भी बड़े स्तर पर हर साल मनाया जाएगा। जिसके आदेश जारी किए गए है।

यह भी पढ़ें 👉  हाई अल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन की शुरुआत करने के निर्देश

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार फूल संक्रांति / फूलदेई को प्रतिवर्ष बालपर्व के रूप में मनाये जाने के सम्बन्ध में बड़ा आदेश जारी हुआ है। बताया जा रहा है कि उक्त लोकपर्व की पारम्परिक महत्ता के दृष्टिगत सम्यक् विचारोपरान्त फूलदेई लोकपर्व को प्रतिवर्ष ‘बालपर्व के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है। फूल संक्रांति / फूलदेई के अवसर पर प्रतिवर्ष समस्त जिलों के विद्यालयों में बालपर्व के रूप में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

यह भी पढ़ें 👉  वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे हैं लगातार प्रयास

गौरतलब है कि उत्तराखण्ड राज्य में प्रतिवर्ष फाल्गुन/चैत्र माह में मनाये जाने वाला फूलदेई पर्व / फूल संक्रांति का त्यौहार पूरे विश्व में एक अनूठा लोकपर्व है। राज्य के पहाड़ी जिलों में बसंत ऋतु के समय मनाये जाने वाले फूल संक्रांति / फूलदेई पर्व जीवन में एक नई उमंग एवं नई उम्मीद लेकर आता है। फूल संक्रांति/फूलदेई जैसे पारम्परिक त्यौहार न केवल आज की पीढ़ी को प्रकृति के निकट ले जाते है बल्कि प्रकृति के विभिन्न रंगों से भी उन्हें परिचित कराते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  हरकोट ग्राम पंचायत में “धरती आधा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान” के अंतर्गत बहुविभागीय शिविर का आयोजन
Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top