Connect with us

मुख्यमंत्री ने दिए सारकोट की तर्ज पर प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाने के निर्देश

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने दिए सारकोट की तर्ज पर प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाने के निर्देश

देहरादून: मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सारकोट की तर्ज पर राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो आदर्श गांव बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में उच्चाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश देते हुए कहा है कि इन गांवों में समग्र विकास एवं आजीविका संवर्द्धन की योजनाओं को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने पर विशेष ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत‘ विजन के अनुरूप ‘विकसित उत्तराखंड‘ की दिशा में तेजी से कार्य करने के लिए सभी अधिकारी पूरी तत्परता व प्रतिबद्धता से जुटे रहें।

बैठक में मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर कानून-व्यवस्था का सख्ती से अनुपालन कराए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि धामों व यात्रा मार्गों पर अशांति पैदा करने वाले एवं अवांछित गतिविधियों में संलिप्त तत्वों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर घोषित दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थानों का शीघ्र चिन्हांकन कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने हेतु नए डेस्टिनेशन विकसित करने पर भी प्राथमिकता से कार्य किया जाय। ताकि क्षेत्रीय युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।

यह भी पढ़ें 👉  मौसम विभाग के एलर्ट पर एक्शन में आपदा प्रबंधन विभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्यटन ढांचे को मजबूती प्रदान करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं तैयार की जाय। उन्होंने हनोल एवं जागेश्वर के मास्टर प्लान तथा हरिपुर कालसी घाट निर्माण की योजना पर तेजी से कार्य करने के साथ ही यात्रा मार्ग से जुड़े गांवों को होमस्टे योजना से लाभान्वित करने पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  ऑन द स्पॉट की दिव्यांग महिला की पेंशन स्वीकृत, निःशुल्क उपलब्ध कराई व्हीलचेयर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक जिले में बनाए जाने वाले दो-दो आदर्श ग्रामों में कृषि, बागवानी, पशुपालन, मौनपालन, डेयरी विकास, मशरूम उत्पादन जैसे संभावनाशील क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के साथ ही इन गांवों के समग्र सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए इंटीग्रेेटेड एप्रोच अपनाकर प्रभावी कदम उठाए जांय। स्थानीय शैली एवं संस्कृति का पूर्ण ध्यान रखते हुए इन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

यह भी पढ़ें 👉  आगामी नन्दादेवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर उत्पादित सौर ऊर्जा के माध्यम से इन गांवों को रोशन करने की व्यवस्था की जाय। इन गांवों में स्थानीय उत्पादों के विपणन की व्यवस्था करने और स्वयं सहायता समूहों को पर्याप्त प्रोत्साहन देकर आजीविका के अवसरों में वृद्धि तथा आर्थिक विकास को गति देने वाली गतिविधियों को भी प्राथमिकता दी जाय।

बैठक में सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, धीराज गर्ब्याल, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

More in उत्तराखंड

उत्तराखंड

उत्तराखंड

ADVERTISEMENT

Advertisement

ट्रेंडिंग खबरें

To Top