उत्तराखंड

तीन मंत्रियों की मौजूदगी में कांजी हाउस को लेकर विधानसभा में अहम बैठक

देहरादून: कैबिनेट सतपाल महाराज ने कहा कि गौवंश की रक्षा तथा निराश्रित गौवंश को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन सुझावों पर अमल करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर घुमने वाली गायों को चिन्हित कर गौसदनों में रखा जायेगा तथा जिन स्थानों पर गौशालाएं नहीं बनीं हैं उन स्थानों पर भी निराश्रित गौवंश के संरक्षण हेतु गौशालाओं का निर्माण युद्धस्तर पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गौवंश की रक्षा करना हमारे लिए सेवा का कार्य है इसके लिए हम सबको आगे बढ़कर प्रयास करने होंगे।

कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है तथा हमारी संस्कृति में गौ, गंगा, गणेश तथा गायत्री का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि गौवंश की क्षति की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं जिसमें निराश्रित गौवंश को गौसदनों तक लाना एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को गौसदनों के निर्माण हेतु जमीन के चिन्हिकरण की जिम्मेदारी दी गई है जहां पर निराश्रित गौवंश के लिए गौशालाओं का निर्माण किया जायेगा।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गौसदनों में गौवंश की समुचित देखरेख के लिए पशु चिकित्सकों को नियमित रूप से निगरानी करते रहें। उन्होंने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की कि गौवंश के संरक्षण हेतु अन्य मदों से भी धनराशि का आवंटन करें तथा विधायकों से भी अपेक्षा की कि गौवंश के संरक्षण हेतु विधायक निधि से सहयोग करें।

पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 17.5 हजार निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए आज पहली बार तीन कैबिनेट मंत्रियों की हाई लेवल कमेटी की पहली बैठक आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि आगामी 06 माह में निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए गौशालाओं के निर्माण तथा उनकी क्षति को रोकने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किये जायेंगे उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जिसने निराश्रित गौवंश को संरक्षण प्रदान करने की पहल की है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top